आज की पहली कीरण ने अजाने ही अपनी नरमी से गुदगुदाया मुझको , वक़्त की ताजगी ने एक बार punah मुझसे कहा आ प्यार कर प्यार कर kisi को , प्यार कर अपने आप को
और फीर न जाने कहा एक जीवन संगीत सा बजने लगा
तुम्हरी ये बाहे ये फूलों की dale....
अब न जाने क्यो जीना चाहता हू एक बार , बस एक बार उस जूनून से जो की एक आशीक me होता है ।
प्यार करना चाहता हू कीसी को , और उतना ही प्यार पाना चाहता हू उतने ही जूनून से जो की मुझमे है।
ग्न्गुनना चाहता हू कीसी को अपने होठो पर, और बनना चाहता हू कीसी के होठो का संगीत भी।
बस एक बार
बस एक दीन
बस एक पल
मैं खुद को महसूस करना चाहता हू , मैं अपनेपन को महसूस करना चाहता हू , मैं इस ख़ुशी को महसूस करना चाहता हू
मैं प्यार करना चाहता हू
और आज की सबसे बरी बात यही है की अब मुझे लग रह है मैं जीना चाहता हू
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